Wednesday, October 10, 2007


कितनी मस्त होती यह दुनिया,
अगर जमीन पर उड़ती चिड़िया,
असमान में दौड़कर खेलते हम,
संसार में कभी ना होता गुम!

कितनी मस्त होती यह दुनिया,
अगर हर इन्सान को मिलता खाना ,
भूका कोई ना रहता!

कितनी मस्त होती यह दुनिया,
ना होता जो रुपिया पैसा,
वाह रे , कितनी मस्त होती दुनिये !
अगर कभी
ऐसा होता!!

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