Monday, December 31, 2007

पेड़ों के कट जाने के बाद
बचेगी नहीं ये जिंदगी
पूछते हो क्यों
क्योंकि पेड़ है जीवन डोर

पद कट जाने के बाद
हो जाएंगे हम बर्बाद
पूछते हो क्यों
क्योंकि बचेगा ना कोई आहार

पेड़ कट जाने के बाद
जल जाएगी ये जमीन
पूछते हो क्यों
क्योंकि छाया न होगी फिर कभी

पेड़ कट जाने के बाद
सूखा पड़ जाएगा हर कहीं
पूछते हो क्यों
क्योंकि बारीश को
बुलाने वाला न होगा

1 comment:

संजय शर्मा said...

आप सब जल परियों १ २ ३ को विशाल वट वृक्षों की शीतल छाया मिलती रहे .आप प्रयास जारी रखें . पेड़ को आपने पर्यावरण से जोडा है कभी अपने बड़े बुजुर्ग को पेड़ मान कविता बनायेंगे तो और अच्छी बनेगी . वैसे
कविता, कहानी समीक्षा मुझे आती नही, पर बेटियों का उत्साहवर्धन का पक्षधर होने के नाते कुछ कहने का मन बन गया .बड़े ,पेड़ हैं,पर्यावरण है इन्हें न कटने दे , न टूटने दे !

बहुत सारी शुभकामनाये !